अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
******************************************
कर संघर्ष,
भेद लक्ष्य संसार-
मिलेगा अर्श।
डरना भूल,
नाव उठा हौंसला-
बना उसूल।
रखना ध्यान,
सफल जब श्रम-
मिलेगा मान।
टाल अभाव,
उम्मीद राह नई-
निभाना भाव।
बढ़ना आगे,
बढ़ चिमनी विश्व-
मुश्किल भागे।
जीना मुश्किल,
लक्ष्य बड़ा विकट-
कर हासिल।
ख्वाब मंजिल,
फिक्र मत जगत-
बन काबिल।
नसीब मेरा,
संकट मत डर-
भरोसा तेरा।
उड़ गगन,
नाप पंख हौंसला-
रह मगन।
कर संकल्प,
नहीं थमे कदम-
जीत ‘विकल्प’॥