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कवियों को पाठकों के हृदय में स्थान बनाना चाहिए

पटना (बिहार)।

कविता का सृजन करना और कविता कों मंच के माध्यम से पाठकों के हृदय में अपना स्थान बनाना, दोनों उद्देश्य होना चाहिए। आज समकालीन कवियों को पत्र-पत्रिकाओं के अतिरिक्त विद्यालय-महाविद्यालय एवं छोटे प्रांतों में भी मुखरित होना चाहिए।
राष्ट्रीय कवि संगम संस्था की मंत्री निशि सिंह के पटना आवास पर पद्मभूषण सुमित्रानंदन पंत की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित काव्य गोष्ठी सह प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक के अवसर पर संगम बिहार के प्रदेश अध्यक्ष प्रभाकर कुमार राय ने यह उद्गार व्यक्त किए।
प्रदेश सचिव सिद्धेश्वर ने काव्य संध्या का संचालन करते हुए कहा कि, नए सृजन के लिए इस तरह की छोटी- बड़ी सार्थक साहित्यिक गोष्ठियां सृजनात्मक भूमि का काम करती है।

बैठक के पश्चात चर्चित कवि- कवयित्रियों ने एक से बढ़कर एक कविताओं का पाठ किया। महफिल को अपनी ग़ज़ल से तरोताजा रेखा भारती ने किया तो दूसरी तरफ नया रंग दिया सिद्धेश्वर की शायरी ने। लता पाराशर, राज प्रिया रानी, डॉ. कुंदन लोहानी, मधुरेश नारायण और अंकेश कुमार आदि ने भी प्रेरक कविताओं का पाठ किया। समापन निशि सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।