Total Views :171

You are currently viewing कोई कैसे भूल सकेगा !

कोई कैसे भूल सकेगा !

जबरा राम कंडारा
जालौर (राजस्थान)
****************************

सुरों की अमर ‘लता’ विशेष-श्रद्धांजलि…


संगीत के स्वर का जादू,चार दिशाओं में छाया,
विश्व समूचा फिदा हो गया,ऐसा ही गाना गाया।

कोई कैसे भूल सकेगा,कोयल कंठी वाणी को,
विश्व ने लाजवाब बताया,हिंद धरा के पाणी को।

भाव विभोर सभी हो जाते,क्या वो तान सुनाई थी,
लता मंगेशकर वास्तव में,सबके ही मन छाई थी।

कंठ में साक्षात सरस्वती,हमेशा विद्यमान रही,
स्वर साम्राज्ञी कहलाई,मशहूर अरु महान रही।

बड़ी सुरीली राग निराली,सात समंदर पार गई,
कई फिल्मी गाने गा लिए,पा लिए पुरस्कार कई।

भारत सरकार ने नवाजा,भारत-रत्न सम्मान से,
बेजोड़ थी स्वर साधिका,दुनिया जानती नाम से।

शताधिक्य नमन करें सारे,अमर कीर्ति तुम्हारी है,
परम शांति पाए पुण्यात्मा,प्रभु से अर्ज हमारी है॥

Leave a Reply