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क्या हकीकत है तुम्हारी

गुरुदीन वर्मा ‘आज़ाद’
बारां (राजस्थान)
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मैं जानता हूँ सब,क्या हकीकत है तुम्हारी।
दिल कैसा है तुम्हारा, क्या नियत है तुम्हारी॥

कितना सच्चा तुमको प्यार है,इन गरीबों से,
इनकी भलाई के पीछे,क्या नीयत है तुम्हारी।
ये इतने सारे दोस्त,क्यों है साथ तुम्हारे,
इनको साथ रखकर,कहाँ निगाह है तुम्हारी॥
मैं जानता हूँ सब…

क्यों झुकाते हो सिर तुम,इन अमीरों के आगे,
उनकी महफ़िल में फिर,क्या है इज्ज़त तुम्हारी।
कितनी निभाते हो कसमें,कितनी करते हो मेहनत,
कितने सच्चे हो तुम और,क्या है इबादत तुम्हारी॥
मैं जानता हूँ सब…

परिचय- गुरुदीन वर्मा का उपनाम जी आज़ाद है। सरकारी शिक्षक श्री वर्मा राजस्थान के सिरोही जिले में पिण्डवाड़ा स्थित विद्यालय में पदस्थ हैं। स्थाई पता जिला-बारां (राजस्थान) है। आपकी शिक्षा स्नातक(बीए)व प्रशिक्षण (एसटीसी) है।इनकी रूचि शिक्षण,लेखन,संगीत व भ्रमण में है। साहित्यिक गतिविधि में सक्रिय जी आजाद अनेक साहित्य पटल पर ऑनलाइन काव्य पाठ कर चुके हैं तो अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। प्रकाशित पुस्तक ‘मेरी मुहब्बत’ साहित्य खाते में है तो कुछ पुस्तक प्रकाशन में हैं।

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