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चलो प्रेम-सौहार्द बढ़ाएं

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष….

चलो प्रेम सौहार्द बढ़ाएं,
सबको अपना बनाकर
नए जगत में नई कल्पना,
आओ हम साकार बनाएं।
हृदय-हृदय प्रेम दीप जलें,
अंतर का अज्ञान मिटा दें
नयन-नयन में प्रेम-सौहार्द,
की जोत जला दें।
सबको दें विश्वास लक्ष्य का,
और सतत चलने का साहस
ज्योति ऐसी भरें जीवन में,
कभी न आए गहन अमावस।
जड़ चेतन करें मूक में,
वाणी भर दें
प्रेम जीवन है त्याग है,
सच्चे आनंद का झरना है।
प्रेम का ढ़ाई अक्षर मूढ़,
को ज्ञानी कर दे
प्रेम वह शक्ति है पत्थर,
को जो पानी कर दे।
प्रेम विपदाओं का वह स्वर्ग है,
दुःख,दुःख न जहाँ
प्रेम में मन की विमलता है,
जो वह और कहाँ।
फूट पडे़ आत्मा का झरना,
गंगा जल-सी धार बहाएं।
बीज डालें सौहार्द के,
हिल-मिल प्रेम दीप जलाएं॥

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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