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चाँद जरा जल्दी आना

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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करवा चौथ विशेष…

ऐ चाँद जरा जल्दी आना,
आज न चलेगा कोई बहाना
निहारेंगी सुहागिनें तुमको,
फिर अपने साजन को
बनी रहे सलामत जोड़ी,
तुम ये परम्परा निभाना।
ऐ चाँद जरा…

भूख-प्यास को भूल गईं हैं,
पिया मिलन की होड़ लगी है
बनी रहूं मैं सदा सुहागन,
वरदान सभी ये मांग रही है
पावन पर्व की इस बेला पर,
तुम जरा भी देर न करना।
ऐ चाँद जरा…

मेहंदी भी रच गईं हाथों में,
सज गईं कलाई कंगनों से
लंबी उम्र की दुआ मांगती,
अपने साजन की करवों से
सात जन्म तक साथ रहे,
तुम ऐसा इनको वर देना।
ऐ चाँद ज़रा…

भूख-प्यास को सह जाएगी,
हर खतरे से लड़ जाएगी
जरा बिछोह को सह न सकेगी,
वो शुभ-मंगल की आस करेगी।
जब पिया मिलन की रुत आए,
तुम नजरें अपनी चुरा लेना।
ऐ चाँद जरा…॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।

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