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मानवता को मरते देखा

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’
जयपुर(राजस्थान)
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केरल में गर्भवती हथिनी की हत्या घटना…..

कल मैंने मानव में
मानवता को मरते देखा,
एक गर्भवती हथिनी को
मानवीय पशुता की बलि चढ़ते देखा।
कितना निर्मम,कितना पीड़ादायक
दर्द सहा था उस माँ ने,
जिसके मुँह में फल के साथ
निवाला मौत का खिलाया गया।
वह माँ थी ममतामयी,
मौन हो मर्मांतक पीड़ा सह गई
उसकी अधखुली-सी,
खामोश आँखें पूरी कहानी कह गई।
सौंपकर स्वयं को,
जल में समाधिस्थ हो गई…
ना विद्रोह किया,ना ही प्रतिकार कोई।
उस माँ ने पशु होकर,
अपनी मर्यादा निभाई…
कल मैंने माँ की ममता को,
नि:चेष्ठ दम तोड़ते देखा।

अरे नराधम! अरे निर्दयी!
तुमने उसे मौत देकर जब मानवता दिखाई
मारकर अपने जमीर को,
कर कलंकित मानव जाति जो वीरती दिखाई।
तत्काल उसी क्षण मैंने तुझमें,
दानवता को नर्तन करते देखा…
जिसके सम्मुख सृष्टि नियंता,
ईश्वर को भी डरते देखा।
कल मैंने मानव में,
मानवता को मरते देखा।

आज बतला दो जगत को हे नर पिशाच!
और कितना गिरना बाकी है तेरे चरित्र का,
हैवानियत की सब हदें पार कर…
साबित क्या करना चाहते हो तुम
हे नरातंक! ऐसे पाश्विक अत्याचार कर…
कल मैंने सभ्य मानव में,
दानव को करवट भरते देखा।

कल मैंने एक माँ को वेदना में,
पल-पल आहें भरते देखा।
नीरव कानन एकांत वास,
सृष्टि को क्रदंन करते देखा।
कल मैंने मानव में,
मानवता को मरते देखा॥

परिचय-मनोज कुमार सामरिया का उपनाम `मनु` है,जिनका  जन्म १९८५ में २० नवम्बर को लिसाड़िया(सीकर) में हुआ है। जयपुर के मुरलीपुरा में आपका निवास है। आपने बी.एड. के साथ ही स्नातकोत्तर (हिन्दी साहित्य) तथा `नेट`(हिन्दी साहित्य) की भी शिक्षा ली है। करीब ८  वर्ष से हिन्दी साहित्य के शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और मंच संचालन भी करते हैं। लगातार कविता लेखन के साथ ही सामाजिक सरोकारों से जुड़े लेख,वीर रस एंव श्रृंगार रस प्रधान रचनाओं का लेखन भी श्री सामरिया करते हैं। आपकी रचनाएं कई माध्यम में प्रकाशित होती रहती हैं। मनु  कई वेबसाइट्स पर भी लिखने में सक्रिय हैंl साझा काव्य संग्रह में-प्रतिबिंब,नए पल्लव आदि में आपकी रचनाएं हैं, तो बाल साहित्य साझा संग्रह-`घरौंदा`में भी जगह मिली हैl आप एक साझा संग्रह में सम्पादक मण्डल में सदस्य रहे हैंl पुस्तक प्रकाशन में `बिखरे अल्फ़ाज़ जीवन पृष्ठों पर` आपके नाम है। सम्मान के रुप में आपको `सर्वश्रेष्ठ रचनाकार` सहित आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ सम्मान आदि प्राप्त हो चुके हैंl  

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