जयपुर (राजस्थान)।
हर्ष की बात है कि वृद्धाश्रम जैसे गम्भीर मुद्दे को लेकर समाज को जागरूक करने की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर लेखकों ने मिलकर साझा संकलन (गद्य) अभिशाप है या वरदान ‘वृद्धाश्रम’ पुस्तक लिखी है।
हिंदी साहित्य मंच की अध्यक्षा निशा बुधे झा ‘निशामन’ (जयपुर) ने बताया कि पुस्तक की संकलक कवयित्री नैंसी गुप्ता (उप्र) हैं। उद्देश्य देश में बढ़ रहे वृद्धाश्रमों की संख्या को कम करना और माता-पिता को घर में सम्मान के साथ रखने के लिए प्रेरित करना है। सभी लेखकों ने वृद्धाश्रम की सच्ची कहानी जानने हेतु भ्रमण किया और विचार-विमर्श के बाद सुझाव-लेख लिखे। पुस्तक में २० सह लेखक हैं, जिन्होंने पुस्तक को सार्थक बनाया है।