कुल पृष्ठ दर्शन : 275

You are currently viewing झूम उठे है आसमां

झूम उठे है आसमां

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
*************************************

रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )…

देखो मस्त बसन्त है,खुशहाली चहुँओर।
फागुन फगुवा रंग में,मचा हुआ है शोर॥

झूम उठे है आसमां,धरती भीगी जाय।
होली देख उमंग में,प्रेम रंग बरसाय॥

नर-नारी बेसुध हुए,मन में छाय उमंग।
शीतल चले बयार हैं,कामदेव भी संग॥

रंग भरे मौसम यहाँ,फागुन की सौगात।
पीली सरसों ज्यों कनक,टेसू की क्या बात॥

आम्र बौर उपवन खिले,कोयल छेड़े गीत।
दुल्हन बनी वसुंधरा,चले फाग संगीत॥

Leave a Reply