आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’
शेखपुरा(बिहार)
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‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष……..

है अपना अभिमान तिरंगा,हिंदुस्तान का स्वाभिमान तिरंगा,
वीर शहीदों की यादों का,नित फहराये बन बलिदान तिरंगा।
ले नित नई प्राण और नई उमंगें,उड़ता बनकर जान तिरंगा,
स्वर्ग से सुंदर है माँ भारती मेरी,है इसकी ये पहचान तिरंगा।
केसरिया निज बल का सूचक,हरियाली हरा है शान तिरंगा,
धवल धैर्य धारण करता है,चक्र प्रगति का अरमान तिरंगा।
आजाद भारत का प्रतीक,वन्दे मातरं से गुंजित गान तिरंगा,
जन-गण-मन जनसमृद्धि दायक,गुंजित राष्ट्रीय गान तिरंगा॥