एम.एल. नत्थानी
रायपुर(छत्तीसगढ़)
***************************************
नवरात्र विशेष….
नवरात्रि उत्सव में तो,
माता की आराधना है
शक्ति के आव्हान पर,
भक्त की ये साधना है।
उपवास एवं जागरण,
ये सात्विकता होती है
पूजा-अर्चना करने से,
यह पवित्रता होती है।
मनुष्य अपने अवगुण,
भूल समर्पित होता है
माता के चरणों में ही,
स्वयं अर्पित होता है।
आसुरी वृत्तियों से दूर,
ये तन की भव्यता है
सात्विक विचारधारा,
से मन की दिव्यता है।
सदियों से नवरात्रि में,
पूजा-अर्चना करते हैं
माता के चरणों में ही,
क्षमा याचना करते हैं।
दिव्यता के नौ दिवस,
सुखद सहित करते हैं
भविष्य के सौ दिवस,
जीवन प्रेरित करते हैं।
भक्ति और शक्ति की,
अनुपम यह गाथा है।
जगदम्बा के समक्ष ये
झुकता यह माथा है।।