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नदियाँ कराह रही

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह दरिंदगी प्रकृति प्रेम पर,
तगड़ा व मजबूत प्रहार है
जनमानस में लगता है,
एक भीतरघात सा खेल सा दृश्य,
सम्बल और आक्रामक प्रहार है।

नदि आज़ दुःखी हैं,
बड़े दुखी मन से उसका
क्रंदन सुनाई दे रहा है,
जन-जन को यहां आज
उसकी कराह बेशुमार लग रही है है।

जल प्रदूषण से मुक्ति,
बहुत जरूरी है
प्राकृतिक क्षरण पर,
रोक आज बन चुकी
एक वैश्विक मजबूरी है।

पर्व त्यौहार हमें सिखाते हैं,
प्राकृतिक सौंदर्य को
सुरक्षित रखने की,
समझदारी व वफादारी से,
प्रतिदिन अवगत कराती है।

प्रदूषण से सारी दुनिया में आज,
कराह रही हैं असंख्य नदियाँ
कल कारखाने फैक्ट्रियां ही,
जन्म दे रही है यह नासमझियाँ।

शहरी आबादी का आज दुनिया में,
एक बहुत हो रहा शोर है
जन-जन तक समां यहां बेजोड़ है,
तबाही और बर्बादी एक,
नियमित संस्कार है
न अब बची यहां कोई उम्मीद है,
नहीं दिखता आपस में अपनत्व व प्यार है।

यहां इस जहां में मानवीय मूल्यों को,
आज दिल से कौन देखता है
सब अपने-आपको इस शहरी दुनिया में,
मजबूती से सना सोचता है।

जिन्दगी में ज़िन्दगी आज,
तबाही से बेहद दुखी और त्रस्त हैं
मजबूती से यहां कोई नहीं है,
न कोई यहां सही अर्थों में तन्दरूस्त है।

जल की अत्यधिक पीड़ा,
असहनीय और अथाह है
ज़िन्दगी का लगता शुरू हुआ,
अब बुरा और अन्तिम अध्याय है।

आओ हम-सब मिलकर इस कायनात में,
खूबसूरत, उन्नत व स्नेहिल भाव से
नदियों को नवजीवन प्रदान करने में,
मृदु वाणी से युक्त सुकून का गीत गाएं।
पूरे जनमानस को साथ रखते हुए,
हृदय व मन से तुरंत लग जाएं॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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