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नारी काली है

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष…………………


एक नारी दूसरी नारी को
समझेगी,
तब सम्मान की बगिया
खिलेगी।

खुशी से निभाओ अपना हर
फर्ज,
आँसू का सूत समेत चुकाना
कर्ज।

मानती हूँ हर रिश्ता है तुम्हारी
जान,
पर मत भूलना,प्यार से बड़ा है
मान।

बेशक आएगा तुम्हारे ख्वाब में एक
नवाब,
पर तुमसे खेले तो देना सही वक्त पर सही
जवाब।

नारी तुम कली नहीं हो साक्षात हो एक
काली,
तुम फूल नहीं जिसका बन जाए कोई अंजान
माली।

अगर जीवनसाथी बनकर नहीं रहे
पावन,
उसे वही एहसास दिलाना जब आये नया
सावन।

क्यूँ कहता है नारी को पुरुष एक
पतन,
नारी से अनमोल नहीं होता है कोई
रतन।

अपने अस्तित्व की नारी कर तू असली
पहचान,
कब तक अपनी शक्ति से रहेगी तू
अनजान।

आज ना नारी बड़ी है ना पुरुष
बड़ा है,
संसार का चक्र पुरूष और नारी दोनों पर
खड़ा है।

नारी सीख ले तू करना अपना सही से
मान,
तब पुरुष सीखेगा अपनी गलती पर पकड़ना
कान।

तब दूंगी में ‘महिला दिवस’ की दिल से
शुभकामना,
जब नारी की नारी से मित्रता की पूरी होगी
मनोकामना॥

 परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl

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