गुरुदीन वर्मा ‘आज़ाद’
बारां (राजस्थान)
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खुशकिस्मत है,वह परिवार,
जिनमें मिलते हैं,वृद्धजन
मिलती है दुआ सबको इनकी,
परिवार के स्तम्भ हैं वृद्धजन।
मिलते हैं बच्चों को संस्कार,
परिवार में इन वृद्धजनों से
माँ-बाप से ज्यादा,करते हैं प्यार,
परिवार में बच्चे,वृद्धजनों से
होती है समृद्धि,उस घर में,
होते हैं मुखिया,जिनमें वृद्धजन।
रखते हैं अनुभव बहुत,ये वृद्धजन,
जिंदगी,दुनिया,समाज और परिवार का
रखते हैं बनाए भाईचारा,समाज में,
देते हैं ज्ञान देश को,अमन-सदाचार का
तिरस्कार करें नहीं,इनकी बातों का,
सम्मान के हकदार हैं वृद्धजन।
जिसने पाई है जीवन में वृद्धावस्था,
नसीब वाला है वह तो इंसान
सबको मिले यह वृद्धावस्था,
ईश्वर का है,यह एक वरदान।
करो पूजा,इन वृद्धजनों की,
ईश्वर का रूप है,ये वृद्धजन।
खुशकिस्मत है…॥
परिचय- गुरुदीन वर्मा का उपनाम जी आज़ाद है। सरकारी शिक्षक श्री वर्मा राजस्थान के सिरोही जिले में पिण्डवाड़ा स्थित विद्यालय में पदस्थ हैं। स्थाई पता जिला-बारां (राजस्थान) है। आपकी शिक्षा स्नातक(बीए)व प्रशिक्षण (एसटीसी) है।इनकी रूचि शिक्षण,लेखन,संगीत व भ्रमण में है। साहित्यिक गतिविधि में सक्रिय जी आजाद अनेक साहित्य पटल पर ऑनलाइन काव्य पाठ कर चुके हैं तो अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। प्रकाशित पुस्तक ‘मेरी मुहब्बत’ साहित्य खाते में है तो कुछ पुस्तक प्रकाशन में हैं।