वाणी वर्मा कर्ण
मोरंग(बिराट नगर)
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आओ बच्चों तुम भी जानो देश प्रेम को,
जिस मिट्टी में जन्मे तुम
जहां पले-बढ़े तुम,
जिस देश ने तुम्हें संस्कार दिया
सर्वांगीण विकास का अवसर दिया,
उसके प्रति भी तुम्हारा कर्तव्य है
उसकी रक्षा हेतु जीवन समर्पण है।
चंद्रशेखर आज़ाद,भगत सिंह,रानी लक्ष्मीबाई
जैसे ही वीर बनो तुम,
अपनी मातृभूमि के विकास के लिए
सदा ही तत्पर रहो तुम,
स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखो तुम
अच्छी सोच-अच्छे विचार लाओ तुम,
देश का सर्वोपरि विकास करो तुम।
सत्य सनातन धर्म का देश हमारा,
साहित्य,विज्ञान,कला के क्षेत्र में अग्रसर देश हमारा
विश्व गुरु कहलाने योग्य सक्षमता हमारी,
किसी भी कीमत पर टूटने न पाए एकता हमारी
समाज की कुरीतियों का विनाश करें हम,
देशवासियों की उन्नति के लिए प्रयास करें हम।
भारत हमारी मातृभूमि,इसकी संतान हम,
आओ मिलकर लें इसकी रक्षा का वचन हम॥