अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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आई वैसाखी
हर्षित कोपल जी
खिली मुस्कान।
खुशी का पर्व
आनंदित ये मन
पावन दिन।
नव प्रभात
कृषक करें कर्म
पर्व महान।
मिटे आतंक
हों सब उल्लासित
आएँ खुशियाँ।
उपज सुख
हो नव परिवेश
किसान मन।
रहे एकता
लें सब वरदान
अखंड देश।
हो देशहित
पर पीड़ा अपनी
नहीं अहित।
हरित धरा
मान-सम्मान मिले
हो अन्न भरा।
हो अभिलाषा
आए सृमद्धि रंग
सुख-वैभव।
फैले उजास
खुशहाल जीवन
सबको आस॥