काव्य संध्या….
सोनीपत (हरियाणा)।
आज विश्व राममय है। हम सभी के लिए यह परमानन्द का अवसर है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम राष्ट्र चेतना के आधार हैं।
मुख्य अतिथि डॉ. श्याम बिहारी मिश्र ने सभी रचनाओं और रचनाकारों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए यह बात कही। अवसर बना हिन्दी भाषा एवं सद साहित्य हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था परिवार द्वारा
आयोजित २२४वीं काव्य गोष्ठी का, जो प्रभु श्री राम की भक्ति रचनाओं से ओत-प्रोत रही। संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि विद्वान सृजनकारों की सहभागिता के इस आयोजन की अध्यक्षता अवध धाम के विद्वान साहित्यकार डॉ. उदय राज मिश्र ने की। गोरखपुर से डॉ. मिश्र ने मुख्य अतिथि का पदभार संभाला। शुभारंभ नागपुर के बहुमुखी प्रतिभावान साहित्यकार विजय रघुनाथराव डांगे द्वारा संगीतमय गुरु वंदना, गणेश वंदना, सरस्वती वंदना के साथ किया गया। अयोध्या राम मंदिर में धर्म ध्वजा स्थापना महोत्सव और मंदिर निर्माण कार्य की पूर्णता के आनंद को भक्ति भाव में सहेजे इस कार्यक्रम में दिनेश कुमार दुबे, प. अवधेश प्रसाद मिश्र ‘मधुप’, डॉ. अंजू सेमवाल, डॉ. जया शर्मा प्रियंवदा, डॉ. सुधांशु मिश्र, ज्योति प्यासी, श्रीपति रस्तोगी, आनंदी नौटियाल अमृता, सुजीत कुमार पाण्डेय, राधाश्री शर्मा, पवनेश मिश्र आदि ने काव्य रचनाओं में प्रस्तुत किया।
वातावरण तब और भी आह्लादित हो गया, जब सूरीनाम से जुड़ीं भारतवंशी सांद्रा लुटावन गणेश ने बताया कि सूरीनाम स्वतंत्रता आंदोलन में ओज भरने वाले जय श्री राम और जय सूरीनाम २ ही नारे रहे।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. मिश्र ने आयोजन की सफलता पर संतोष प्रकट करते हुए कहा, कि भगवान राम की कृपा से धर्म ध्वजा स्थापना का मंगल अवसर आया है और भारत के जन-जन को विश्वास है कि यहाँ से ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के सूत्र के साथ सनातन संस्कृति के नेतृत्व में देश समृद्धि, उन्नति के नए आयाम स्थापित करेगा।
भास्कर सिंह ‘माणिक’ ने मंच संचालन किया। कल्पकथा संस्थापक राधाश्री शर्मा ने सभी का आभार प्रकट किया।
