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‘भारत’ पर कवि सम्मेलन में कवियों ने दर्शकों को झकझोरा

मुम्बई (महाराष्ट्र)।

‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ तथा ‘जनता की आवाज फाउंडेशन’ द्वारा अपने देश का ‘भारत’ नाम अपनाने के राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत ‘भारत’ विषय पर कवि सम्मेलन किया गया। सम्मेलन में शीतला प्रसाद दुबे, विनोद दुबे, अरविंद शर्मा राही, आलोक अविरल, डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ तथा शैलेश श्रीवास्तव ने कविता व गीत प्रस्तुत किए। सभी कवियों ने अपनी रचना से दर्शकों को झकझोरा।
सम्मेलन की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राजन कोचर ने की, जबकि मुख्य अतिथि नेमीचंद बोकाड़िया, विशेष अतिथि शीतला प्रसाद दुबे और सम्मेलन के निदेशक डॉ. गुप्ता ‘आदित्य’, फाउंडेशन के अध्यक्ष सुंदरलाल बोथरा, उपाध्यक्ष कानबिहारी अग्रवाल की उपस्थिति रही।
सम्मेलन में कवि आलोक अविरल ने पुरजोर ढंग से कहा कि हाँ, मुझे फर्क पड़ता है…। ‘आदित्य’ ने अपने इतिहास व गौरव के बारे में कहा-मुझको इंडिया मत कहना, मैं भारत हूँ……!, तो ख्याति प्राप्त गीतकार व गायक विनोद दुबे ने ढपली पर भारत के गौरव-गान से समां बांध दिया। सम्मेलन का संचालन करते हुए आनंद सिंह ने कविता पाठ भी किया।
इसके पूर्व श्री बोथरा ने अभियान की जानकारी दी। श्री अग्रवाल ने अतिथि परिचय दिया। रितेश पोरवाल ने धन्यवाद व्यक्त किया।
(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई)
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