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भ्रष्टाचार-आतंकवाद पर एक ओर करारा प्रहार साबित होगा

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
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आरबीआई ने सिर्फ २ हजार रुपए के नोट की नोटबंदी की बात कही है। ध्यान रखिए कि, इसमें देशवासियों को कोई असुविधा की बात ही नहीं है। हम सभी अपने नोट ३० सितम्बर २०२३ तक पूरे सवा ४ महीनों में बैंकों की शाखाओं से बदला सकते हैं।
भारत में २०१७ में लगभग ६.७३ लाख हजार करोड़ रुपए के २हजार के नोट आरबीआई ने जारी किए थे, लेकिन हमारे देश के बाजार में इनका चलन मात्र ३ लाख ६२ हजार करोड़ रुपए ही रह गया है। मतलब साफ है कि, कालाबाजारी और भ्रष्ट लोगों ने इसे बडे़ पैमाने पर अपनी तिजोरियों में संग्रहित करके रख लिया है। हम यह नहीं जानते कि, यह संग्रहण कौन देशहित में करेगा या यह भी नहीं बता सकते कि, कौन आतंकवाद, देशविद्रोही ताकतों के सहयोग करने में, चुनावों में बांटने के लिए, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में, नकली नोट की छपाई में, कालाबाजारी आदि में लेने का मन बनाकर रखे हुए है। तो ऐसे में कालेधन को फिर से बाहर निकालने की दिशा में २ हजार रुपए के बडे़ नोट बंद करना बहुत सराहनीय कदम है। सभी देशभक्तों को इसका स्वागत करना चाहिए। सभी को समझना चाहिए कि, हम जैसे पहले नोटबंदी में सहयोग करके आतंकवाद की कमर तोड़ चुके हैं, जिससे पड़ोसी मुल्क जो कालेधन से हमारे देश में आतंक फैलाता रहता था, उसे घुटनों पर ला चुके हैं। इसके अलावा स्वयं का हित करते हुए भारत देश की अर्थव्यवस्था को सकल घरेलू उत्पाद के चलते विश्व में पांचवे क्रम पर ला चुके हैं। वैसे ही अब भी यह फैसला देश की सकल घरेलू उत्पाद को ओर अधिक बढ़ाएगा, यह तय है।
सदैव ध्यान रखें कि,ऐसे फैसले बहुत कठिन होते हैं, पर बहुत से अर्थशास्त्री, बुद्धिजीवी जो देश का भला चाहते हैं, उनके बताए मार्ग से तय होते हैं। फिर तो आरबीआई के साथ हमारा सदा अच्छा सोचने वाले प्रधानमंत्री भी हैं तो हम सबको धैर्यपूर्वक आरबीआई और सरकार का साथ देना चाहिए। बिना किसी के भी बहकावे में आए। देखिएगा, यह फैसला भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर एक ओर करारा प्रहार ही साबित होगा।