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मर्म को स्पर्श करती हैं डॉ. ऋचा वर्मा की लघुकथाएँ

पटना (बिहार)।

वरिष्ठ लेखिका डा ऋचा वर्मा की लघुकथाएँ मर्म को स्पर्श करती है। उनकी लघुकथाओं में समाज की पीड़ा, द्वंद्व और जीवन की कटु सच्चाइयाँ भी हैं तो उनके प्रतिकार और समाधान के स्वर भी हैं। इनकी कथाएँ भी सरलता से पाठकों से संवाद करती हैं।
बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में शनिवार को डॉ. वर्मा के लघुकथा संग्रह ‘बेनाम चिट्ठियाँ’ के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए सम्मेलन अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने कही। समारोह का उद्घाटन बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक और राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष आलोक राज ने किया।
आरंभ में अतिथियों का स्वागत सम्मेलन के साहित्य मंत्री भगवती प्रसाद द्विवेदी ने किया। वरीय उपाध्यक्ष जियालाल आर्य, डॉ. मधु वर्मा और वरिष्ठ कवि सिद्धेश्वर ने भी लोकार्पित पुस्तक पर बात रखी।

मंच का संचालन ब्रह्मानन्द पाण्डेय ने किया। धन्यवाद डॉ. मनोज गोवर्द्धनपुरी ने व्यक्त किया।