ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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विश्वास: मानवता, धर्म और राजनीति
मानव धर्म अनमोल है,
नहीं है इसका कोई मोल
प्रेम-भाव मन में रखना है,
सोच-समझकर मुख से बोल।
बुरा किसी का करना नहीं,
हृदय के अब चक्षु खोल
जीतना है विश्वास सभी का,
नहीं उड़ाओ किसी का मखौल।
धर्म पर विश्वास करो,
राजनीति से ना इसको तौल
छल-कपट ईर्ष्या-द्वेष से,
इसको ना मिट्टी में रोल।
गरीबों के हित जीना सीखो,
वाणी में मिश्री-सी घोल
ये जीवन अनमोल है प्यारे,
नहीं है इसका कोई मोल।
स्वार्थ के वशीभूत होकर,
मत खोलो तुम अपनी पोल।
कोई नहीं विश्वास करेगा,
ये दुनिया है गोल-मटोल॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।