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मेरा अनोखा देश

निदा खान
मुंबई (महाराष्ट्र)
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‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष……..

हर भारतीय के मन में समाता है,
मन मोहिनी प्रकृति को अपनी गोद में झुलाता है।

सुख शांति का यह जहाँ लगता है,
हर किसी को यह देश अपना-सा लगता है।

सफेद चादर में ढका हिमालय का आँगन,
सुनहरा- सा लगता है
पवित्र नदियां,फूलों की महक,
और फलों की मिठास
मानो प्रकृति का यह अद्भुत पहनावा लगता है।

मुझे मेरा भारत देश बहुत प्यारा लगता है,
त्योहारों का शिखर-भावनाओं का बसेरा ऐसा लगता है
यह देश एकता का प्रतीक बताता बड़ा सुहाना लगता है।

वीर,सपूतों की जन्मभूमि है यह,
जहां खिले थे विद्वान
सोने की चिड़िया कहलाने का मिला था अभिमान,
विद्या का महासागर बन उपजा था यह हिन्दुस्तान।

आजादी की लड़ाई में दिए हैं बड़े बलिदान,
बड़े संघर्षों के साथ मिली है यह आजादी की शान।

हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई रहते हैं एकसाथ,
आपसी स्नेह के साथ करते हैं इस तिरंगे का सम्मान।

पृथ्वी का चक्कर लगाकर भी मिला न कोई ऐसा देश,
संपूर्ण संसार में है ऐसा निराला सिर्फ एकमात्र भारत देश॥

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