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चुनौतियों से निखरता है व्यक्तित्व

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’
ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर)

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चुनौतियों की पवित्रता का रसपान धरा पर बिरले ही करते हैं,क्योंकि कायरों को चुनौती शब्द ही दिन को तारे दिखा देता है,जबकि महारथियों, ज्ञानियों,विद्वानों,मुनियों,आलोचकों,साहित्यकारों,
शूरवीरों,महावीरों और कर्मवीरों के लिए चुनौती अमृत समान है,जिसे पीने के लिए वह हमेशा लालायित रहते हैं। चूंकि,वह जानते हैं कि कुम्हार द्वारा मिट्टी को रौंद कर बनाए कच्चे घड़े का मूल्य आग में पकने के उपरांत ही है और पकते ही सोने पर सुहागा हो जाता है। इसलिए,चुनौती चाहे ‘तालाबंदी’ की हो या पाकिस्तान में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की हो,उससे व्यक्ति का व्यक्तित्व हमेशा निखरता ही है। चूंकि,चुनौतियां असल में कर्मवीरों के आभूषण होते हैं,जिन्हें स्वीकार करके वे अपनी गुणवत्ता को दर्शाते हैं। इसलिए,चुनौतियां ही सफल जीवन का आधार होती हैं।
तालाबंदी की भांति जीवन में कई चुनौतियां आती हैं,जिनका कर्मवीर सहजता से सामना करते हैं और कायर दुम दबाकर भाग निकलने का प्रयास करते हैं। फलस्वरूप कर्मवीर यश प्राप्त करते हैं,और कायर अपमान पाते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को जीवन में निखरने की अभिलाषा हो तो उसे चुनौतियों को दावत देनी चाहिए। वह चुनौती चाहे सामाजिक हो या आर्थिक, स्वच्छता की हो या स्वास्थ्य की,राजनीति की हो या घरेलू,राष्ट्रीय हो या अंतरराष्ट्रीय, ‘कोरोना’ की तालाबंदी हो या अन्य कोई छोटी अथवा बड़ी हो, उसे स्वीकारने मात्र से व्यक्ति का व्यक्तित्व निखरना पत्थर की लकीर है।

परिचय–इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैl इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैl वर्तमान और स्थाई निवास तहसील ज्यौड़ियां,जिला-जम्मू(जम्मू कश्मीर)हैl राज्य जम्मू-कश्मीर के श्री बाली की शिक्षा-पी.यू.सी. और शिरोमणि हैl कार्यक्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों से लड़ना व आलोचना है,हालाँकि एसएसबी विभाग से सेवानिवृत्त हैंl सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप पत्रकार,समाजसेवक, लेखक एवं भारत के राष्ट्रपति पद के पूर्व प्रत्याशी रहे हैंl आपकी लेखन विधा-लघुकथा,ग़ज़ल,लेख,व्यंग्य और आलोचना इत्यादि हैl प्रकाशन में आपके खाते में ७ पुस्तकें(व्हेयर इज कांस्टिट्यूशन ? लॉ एन्ड जस्टिस ?(अंग्रेजी),कड़वे सच,मुझे न्याय दो(हिंदी) तथा डोगरी में फिट्’टे मुँह तुंदा आदि)हैंl कई अख़बारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंl लेखन के लिए कुछ सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैंl अपने जीवन में विशेष उपलब्धि-अनंत मानने वाले परवाज़ मनावरी की लेखनी का उद्देश्य-भ्रष्टाचार से मुक्ति हैl प्रेरणा पुंज-राष्ट्रभक्ति है तो विशेषज्ञता-संविधानिक संघर्ष एवं राष्ट्रप्रेम में जीवन समर्पित है।

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