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राखी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’
पंडरिया (छत्तीसगढ़)
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रक्षाबंधन विशेष….

कितना सुंदर है यह रिश्ता,दिल से सभी निभाते हैं,
भाई-बहना दोनों मिलकर,गीत खुशी के गाते हैं।

मीठे-मीठे पकवानों की,महक घरों से आती है,
बच्चों के सँग दादी अम्मा,बैठ साथ में खाती है।

सुबह सबेरे उठकर बहना,सुंदर थाल सजाती है,
चंदन वंदन कुमकुम टीका,भैया माथ लगाती है।

बांँध कलाई रेशम डोरी,कितनी खुश हो जाती है,
रक्षा करना मेरे भैया,मीठा बहन खिलाती है।

हर वचन को पूरा करके,वादा सभी निभाते हैं,
अपनी छोटी-सी बहना को,सब उपहार दिलाते हैं॥

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