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राम ही राह

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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राम ही प्राण
मर्यादा का पर्याय
राम ही धाम।

सत्य सूरत
राम का जीवन
कर्म मूरत।

राम ही राह
बनें जीवन-राजा
सबकी चाह।

पुरूषोत्तम
वचन है निभाया
राम उत्तम।

दुःख तमाम
मिला वनवास भी
संतोषी राम।

है चारों धाम
चरणों में सुकून
खुशियाँ राम।

प्रभु आशीष
रहता जिस संग
वो स्वयं राम।

पुत्र राम-सा
हर मन प्रार्थना
मिले मोक्ष-सा।

राम ही हित
लोक कल्याण रत
त्याग सहित।

हो निडरता
धैर्य न छोड़ो कभी
राम अमर।

था बड़प्पन
लिया सत्य का मार्ग
बने श्रीराम॥