सोनीपत (हरियाणा)।
देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम की रचनाओं से सजी कल्पकथा परिवार की काव्य संध्या खूब सजी। इस गोष्ठी में अमर बलिदानियों के शौर्य व सशस्त्र सैन्य बलों के सम्मान के साथ काव्य रचना प्रस्तुत की ग
कल्पकथा परिवार की संवाद प्रभारी श्रीमती ज्योति राघव सिंह ने बताया कि संस्था द्वारा २० अप्रैल की अपराह्न आयोजित १९३वीं आभासी काव्यगोष्ठी ओजपूर्ण काव्य रचनाओं से सजी रही। छाता (उत्तर प्रदेश) के वरिष्ठ साहित्यकार रामदेव शर्मा राही की अध्यक्षता, आशुकवि भास्कर सिंह ‘माणिक’ व पवनेश मिश्रा के संचालन के कार्यक्रम का शुभारंभ नागपुर से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार विजय रघुनाथराव डांगे द्वारा गुरु वंदना, गणेश वंदना एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। सशस्त्र सैन्य बलों के सम्मान, देश के अनूठे बिन्दुओं पर आधारित प्रश्नावली, के साथ आयोजन में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा मध्यप्रदेश आदि के कवियों ने ओज और बलिदान के भावों को शब्दों में खूब पिरोया। श्री डांगे, रामसनेही ओझा, श्रीमती रानी शर्मा, डॉ. रवि घायल, अवधेश प्रसाद मिश्र ‘मधुप’ एवं किरण अग्रवाल आदि ने काव्य पाठ किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में रामदेव राही ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए रचनाकारों को छंदबद्ध रचनाओं को सृजित करने पर प्रोत्साहित किया। कवि संगम त्रिपाठी (संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा) ने कल्पकथा परिवार को उत्कृष्ट आयोजन हेतु बधाई दी है। श्रीमती राधाश्री शर्मा ने आभार व्यक्त किया।