ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस विशेष….
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है,
जन-जन की अभिलाषा है
एकता के सूत्र में जो बांधे,
वो भारत की शौर्य गाथा है।
हिंदी हमारी आन-बान है
भारत माता की शान है
प्रेम की भाषा सिखलाए,
मेरे भारत की पहचान है।
सभ्यता का पाठ पढ़ाए,
मिल-जुल कर रहना सिखाए
हिन्दुस्तान की चेतना है हिंदी,
सबको आत्मसात कराए।
हिंदी हमारा राष्ट्र गान है,
हिंदी ही छंद अलंकार है
एक सूत्र में बंधे हैं हम सब,
हिंदी से ही हमारी पहचान है।
उन्नति का मार्ग दिखलाएं,
सबको प्रेम की भाषा सिखलाएं।
हिंदी ही हम सबकी आत्मा,
सबको ये विश्वास दिलाएं॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।