संदीप धीमान
चमोली (उत्तराखंड)
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बसंत पंचमी विशेष….

लो आया बसंत लेकर खुशहाली,
खिल रहे पुष्प हर डाली-डाली।
मिटाए रोग,दोष,दरिद्रता बसंत,
छाए बसंत बन कर हरियाली।
चहक रहा हर एक वो चेहरा,
था ठिठुरन में जो खाली-खाली।
नीरस,पतझड़ अब बीत रहा है,
वर्तमान,अतीत से जीत रहा है।
माह बसंत अब बहारों का आया,
अब अन्न बरसेगा हर थाली-थाली॥