इंदौर (मप्र)।
रेडियो और दूरदर्शन वर्तमान समय में अभिव्यक्ति के सशक्त माध्यम हैं। रेडियो में किसी भी दृश्य को समझाने के लिए शब्दों को माध्यम बनाया जाता है, जबकि दूरदर्शन, दृश्य माध्यम होने से शब्दों का प्रयोग कम होने से भी प्रभाव उत्पन्न किया जा सकता है।
माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय (इन्दौर) के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित ‘रचनात्मक लेखन-विविध विधाएँ’ विषय पर कार्यशाला में ईएमआरसी (देवी अहिल्या विश्वविद्यालय) के निदेशक डॉ.चन्दन गुप्ता ने यह बात ‘रेडियो दूरदर्शन में रचनात्मक लेखन’ विषय पर कही। कार्यशाला के समापन समारोह के मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय कवि डॉ.राजीव शर्मा ने काव्य लेखन और पटकथा लेखन के संबंध में रोचक शैली में छात्राओं को जानकारी दी। विविध बिंदुओं को उदाहरण सहित समझाया।
अतिथि स्वागत डॉ.सौरभ मुक्तिबोध आदि ने किया। अतिथि परिचय डॉ.प्रतिभा सोलंकी एवं डॉ.पिंकी कोठारे ने दिया। संचालन कार्यशाला संयोजक डॉ.गंगाराम डुडवे ने किया। आभार प्रदर्शन विभागाध्यक्ष डॉ.वंदना अग्निहोत्री ने किया।