श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
*******************************************
विश्वास:मानवता, धर्म और राजनीति…
आओ सब मिलकर करें प्रतिज्ञा,
मानवता दर्शाने की
अंधविश्वास में फंसे मनुज को,
हर पल सही राह दिखाने की।
हर मानव को देश-धर्म पर, विश्वास भी करना ही होगा
मानवता के लिए हृदय में, विश्वास का दीप जलाना होगा।
हम भारत देश के सिपाही हैं, कूटनीति से सदा दूर रहेंगे
भूले-भटके को राह दिखा कर,
देश के हित में काम करेंगे।
राजनीति के चक्कर में हमें, भाईचारा नहीं मिटाना है
एक-दूजे के सदा साथ रहेंगे, मन में विश्वास जगाना है।
हम सब भारतीय पुत्र हैं, गलत राजनीति को ठुकराएंगे
भारती ध्वज पे आँच ना आए, हम वही शपथ अपनाएंगे।
‘हिंदी’ शब्द के ज्ञान-विज्ञान, विद्वान से देश में इमारत खड़ी है
हिंदी संग ही सब आगे बढ़ेंगें,
जैसे बढ़ती सदा ही घड़ी है।
अपने विश्वास पर अडिग रहो, जैसे अटल हिमालय खड़ा है।
भारत भूमि के लिए जैसे, हमारा शहीद वीर योद्धा लड़ा है।
हृदय में विश्वास रख लो, मानवता खुद-ब-खुद आ जाएगी।
सदा दूर रहना राजनीति से, नहीं तो मानवता पछताएगी॥
परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |