बबीता प्रजापति ‘वाणी’
झाँसी (उत्तरप्रदेश)
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हिंदी और हमारी ज़िंदगी….
हिंदुस्तान के वासी हैं हम
हिंदी हमारी भगिनी है,
माँ भारती की लाड़ली
अन्य भाषाओं की जननी है।
सम्मान करो हिंदी का
हिंदी देश की शान बढ़ाए,
विदेशों में भी हिंदी अब
मेरे देश की पहचान बनाए।
अनेक भाषाओं के मध्य
हिंदी खड़ी मुस्काती है,
जैसे माँ भारती के मस्तक पर
बिंदी रूप सजाती है।
आओ मिलकर हम सब,
हिंदी का सत्कार करें।
हिंदी में ही बात करें,
हिंदी में पत्राचार करें॥