अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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अच्छा सुनो ना…
मेरे हृदय की धड़कन,
सुना क्या ! उसका सूनापन
धीरे-धीरे ही सही..पर,
अनंत अम्बर-सा
प्यार है तुमसे…।
दिल अब रुकता नहीं,
बात सुनता नहीं
क्या कहूँ उसे,
जो सपने बुनता नहीं..
पर सच तो फिर भी है ना,
प्यार है तुमसे…।
बहुत याद है सीने में,
डर भी बड़ा बिन तेरे जीने में
सोचा ना था, रह ना पाएंगे,
ऐसे प्रेम में बह जाएंगे।
अब साँसें ही उदास है तेरे बिन,
क्योंकि, प्यार है तुमसे…॥