कुल पृष्ठ दर्शन : 421

You are currently viewing सेवानिवृत्ति…आगाज

सेवानिवृत्ति…आगाज

डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
बिलासपुर (छतीसगढ़)
*************************************************

सफलता यूँ ही नहीं मिल जाती है,
प्रसिद्धि यूँ ही नहीं मिल जाती है
कठिन परीक्षा से गुजरना होता है,
अपने बल पर भरोसा करना होता है।

कई मुश्किलें बिन कहे आ जाती है,
एक को संभालें तो दूसरी नई आ जाती है
कुछ क्षण हीन भावनाओं के भी रहते हैं,
आपके विश्वास को झंझोड़ने लगते हैं
पर धीरे-धीरे कदम रखने पड़ते हैं,
नई चुनौतियों के हल करने पड़ते हैं।

हर दिन कुछ नया सीखना पड़ता है,
कुछ गलतियों को सुधारना भी पड़ता है
लोगों की उम्मीद पर हर वक्त खरा उतरना पड़ता है,
स्वयं आप किससे उम्मीद रखें;यह सोचना होता है।

जो कार्य है उसे संपूर्ण करना ही होता है,
परिणाम सफल हो या असफल उसे स्वीकारना ही पड़ता है,
मेरे सहयोगी आपने भी ऐसे कई दौर देखे हैं
कभी प्रफुल्लित तो कभी विचलित हुए हैं।

तीस वर्ष का सफ़र कोई आसान तो नहीं होता,
यूँ ही नहीं लेता कोई आपका नाम
करने पड़ते हैं बहुत अच्छे काम,
आपका साथ ये ही हमारे अच्छे कर्म हैं
तीस वर्ष की सफलता पर हमें आप पर गर्व है।

आपकी सेवानिवृत्ति पर अनंत शुभकामनाएँ,
स्वस्थ तन, मन से करें जीवन की दूसरी पारी की शुरुआत
अपने जज्बे और जुनून को रखें बरकरार,
सारे भूले-बिसरे शौक का फिर से लुत्फ़ उठाएं।
सेवानिवृत्ति किसी राह का अंत नहीं,
यह तो एक खुले राजपथ का आगाज़ है॥

परिचय- शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राध्यापक (अंग्रेजी) के रूप में कार्यरत डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती वर्तमान में छतीसगढ़ राज्य के बिलासपुर में निवासरत हैं। आपने प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर एवं माध्यमिक शिक्षा भोपाल से प्राप्त की है। भोपाल से ही स्नातक और रायपुर से स्नातकोत्तर करके गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (बिलासपुर) से पीएच-डी. की उपाधि पाई है। अंग्रेजी साहित्य में लिखने वाले भारतीय लेखकों पर डाॅ. चक्रवर्ती ने विशेष रूप से शोध पत्र लिखे व अध्ययन किया है। २०१५ से अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय (बिलासपुर) में अनुसंधान पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत हैं। ४ शोधकर्ता इनके मार्गदर्शन में कार्य कर रहे हैं। करीब ३४ वर्ष से शिक्षा कार्य से जुडी डॉ. चक्रवर्ती के शोध-पत्र (अनेक विषय) एवं लेख अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं। आपकी रुचि का क्षेत्र-हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में कविता लेखन, पाठ, लघु कहानी लेखन, मूल उद्धरण लिखना, कहानी सुनाना है। विविध कलाओं में पारंगत डॉ. चक्रवर्ती शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कई संस्थाओं में सक्रिय सदस्य हैं तो सामाजिक गतिविधियों के लिए रोटरी इंटरनेशनल आदि में सक्रिय सदस्य हैं।