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स्वर्णिम सर्वोत्तम दिन

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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गुड़ी पड़वा विशेष….

यह संसार का पहला,
स्वर्णिम सर्वोत्तम है यह दिन
शुभ मुहूर्त में,
प्रज्वलित अनन्त काल तक
उन्नत संस्कार संग,
खुशियाँ बिखेरने वाला है यह दिन।

पवित्र मन से उन्नत,
हृदयंगम कर
सुख-समृद्धि और शांति,
प्रदान करता है यह दिन
सृष्टि की संरचना का,
प्रारंभ है यह शुभ दिन।

सूर्य उदय का पहला,
श्रंगार है यह दिन
चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ है,
यह प्यारा दिन
यह ध्वज आस्था का,
प्रतीक है अद्भुत यह दिन।

पवित्र मन को उन्नत,
बनाता है यह शुभ दिन
यह नववर्ष के उत्सव का,
सुन्दर प्रतीक है यह दिन
विजय पताका फहराकर,
मन और हृदय में
संयुक्त मिश्रण संग,
खुशियाँ बिखेरता है यह दिन।

मन और हृदय में,
संदीप दिखलाता है यह दिन
नवसृजन के नव उत्साह संग,
प्रकृति प्रेम भाव में
अतुलनीय प्यार से सम्मोहित,
करने वाले भाव का है यह दिन।

नैसर्गिक,आध्यात्मिक और,
ऐतिहासिक कारण से
सदैव सजा-संवरा रहता है,
अनमोल उपहार स्वरूप
श्रंगारित दिखता है यह दिन,
मन और हृदय को
उत्साह से भर देता है,
गुड़ी पड़वा का यह पवित्र दिन।

आओ हम-सब मिलकर,
एक विजय पताका फहराएं।
संसार के पहले शुभ दिन में,
खूब खुशियाँ मनाएं॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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