इन्दौर (मप्र)।
तुलनात्मक भाषा एवं संस्कृति अध्ययनशाला (देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर) द्वारा विभाग में ‘हिंदी दिवस’ के उपलक्ष्य में ‘हिंदी राजभाषा और राष्ट्रीय भाषा’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता हरेराम वाजपेयी रहे।
शुक्रवार को यह कार्यक्रम विवि के कुलगीत के साथ प्रारंभ हुआ। प्रारम्भ में विवि की कुलपति डॉ. रेणु जैन ने सभी का स्वागत किया। कुलसचिव डॉ. अजय वर्मा, सेवानिवृत राजभाषा अधिकारी श्री वाजपेयी, विभागाध्यक्ष डॉ. ज्ञानप्रकाश, प्राध्यापक डॉ. मुकेश भार्गव सहित विभाग के विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। डॉ. ज्ञानप्रकाश ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए संगोष्ठी के विषय से परिचय करवाया। कुलपति डॉ. जैन ने अपने उद्बोधन में सभी भाषाओं के सम्मान की बात कही एवं हिंदी की वैश्विक स्थिति पर प्रकाश डाला। कुलसचिव ने भी हिंदी का महत्व बताया। डॉ. भार्गव ने हिंदी भाषा की संवैधानिक स्थिति पर प्रकाश डाला। वक्तव्य में श्री वाजपेयी ने अपने २००० से अधिक व्याख्यानों एवं ८० से अधिक देशों की यात्राओं के संदर्भ देते हुए हिंदी की व्यापक सत्ता का प्रस्तुतिकरण करते हुए विद्यार्थियों को हिंदी के सदुपयोग हेतु प्रेरित किया। विद्यार्थियों ने हिंदी भाषा के महत्व एवं सम्मान में अपनी मौलिक रचनाएँ प्रस्तुत की। डॉ. भार्गव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।