कुल पृष्ठ दर्शन : 122

आने वाली पीढ़ी का पथ प्रदर्शित करेगी `सदी के सितारे`

संदीप सृजन
उज्जैन (मध्यप्रदेश) 
******************************************************

सदी के सितारे डॉ. देवेन्द्र जोशी की एक विशिष्ट कृति है, जिसमें देश के २३ विशिष्ट व्यक्तित्वों पर उनके आलेख समाहित हैं। इस पुस्तक में जिन विभूतियों पर डॉ. जोशी ने कलम चलाई है,वे कहीं न कहीं भारतीय जनमानस पर अपनी अमिट छाप छोड़ते हैं। लेखक डॉ. जोशी ने अपने नियमित लेखन के दौरान कुछ विभूतियों को केन्द्र में रखकर देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में जो आलेख लिखे हैं,वे ही इस कृति में समाहित हैं। उन्होंने अपना पत्रकारिता धर्म ईमानदारी से निभाते हुए अपने लेखन को कृति के रूप में लाकर आने वाली पीढ़ी को सुपुर्द किया,ताकि ये हस्तियां किवदंतियां न बनें और सदैव समाज का पथ प्रदर्शित करती रहे।

महात्मा गांधी,पं. नेहरु,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,अटल बिहारी वाजपेयी जैसी राजनीतिक हस्तियां जिन पर कई पुस्तकें और सामग्री प्रकाशन में उपलब्ध है,फिर भी इनके व्यक्तित्व व कृतित्व को लेखक ने इस पुस्तक का हिस्सा बनाया है,जो उनकी दूरदृष्टि को बताता है। अध्यात्म जगत के मुनि तरुण सागर जी और डबराल बाबा पर इस कृति में विस्तृत आलेख है,वहीं क्रिकेट की दुनिया के सलामी बल्लेबाज विराट कोहली के जीवन पर भी लेखक ने कलम चलाई है। हिंदी और उर्दू साहित्य जगत के शीर्ष गोपालदास नीरज,अनवर जलालपुरी, श्रीकृष्ण सरल,कृष्णा सोबती,केदारनाथ सिंह,प्रभाकर श्रोत्रिय, चन्द्रसेन विराट,विष्णु खरे और ओम व्यास ओम पर लेखक ने अपना साहित्यिक दायित्व निभाते हुए जो लिखा है,वो उनकी साहित्यिक निष्ठा को परिलक्षित करता है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पं. मोहन मालवीय पर भी लेखक ने प्रकाश डाला है। पत्रकारिता जगत के अजेय योद्धा कुलदीप नैय्यर और जयदेव सिंह पर भी डॉ. जोशी ने अपनी कलम चलाई है। आध्यात्मिक भजन संध्या के लिए मशहूर विनोद अग्रवाल को भी श्रद्धांजलि रूप में स्थान इस पुस्तक में दिया गया है। एकमात्र साक्षात्कार सरोद वादक पंडित अमजद अली खान साहब का है,जो कि उनकी मूल पत्रकारिता विधा को सामने लाता है। राज कपूर पर उनका लेख अपने आपमें महत्वपूर्ण है। मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री कमल नाथ पर केन्द्रित आलेख भी कृति में लिया गया है।

इस कृति की उपयोगिता जितनी आज है, उससे कहीं अधिक आने वाले समय में होगी क्योंकि वक्त के साथ जब यादें धुंधली होने लगती है तो इस तरह की कृतियां ही उन यादों पर से जमी परतों को हटा सकती है। जो अति विशिष्ट है उन पर तो कई बड़े ग्रंथ निकल गए और निकलते रहेंगे,लेकिन जो विशिष्ट होकर भी अपनी शिष्टता के कारण समय की गर्त में चले जाते हैं उन्हें इस तरह की कृतियां ही जिंदा रखती है। डॉ. जोशी की यह कृति आने वाली पीढ़ी का पथ प्रदर्शित करेगी और जो लोग इस दुनिया से चले गए उनके कार्यों से सदैव युग को प्रेरित करती रहेगी।

इस पुस्तक का प्रकाशन किताबगंज प्रकाशन (राजस्थान) ने किया है। आकर्षक मुख पृष्ठ तो पाठकों को अपनी और खींच ही रहा है,भीतर की साज-सज्जा और छपाई भी सुंदर है।

इस कृति में अभी केवल २३ सितारों को जगह मिली है। इस विराट भारत भू पर कई सितारे हो गए,जिन पर लेखन होना चाहिए और समाज तक पहुंचना चाहिए। डॉ. देवेन्द्र जोशी से भविष्य में अपेक्षा है कि सदी के सितारे की अगली श्रंखला भी वे शीघ्र लेकर आएंगे।