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‘आया मनभावन वसंत’:प्रथम विजेता ललित गर्ग व डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’

इंदौर (मप्र)।

हिन्दी भाषा की लोकप्रियता और बढ़ाने एवं रचनाशिल्पियों को सतत स्पर्धा से प्रोत्साहित किए जाने के क्रम में इस बार ७९ वीं स्पर्धा ‘आया मनभावन वसंत’ विषय पर आयोजित की गई। इसके अंतर्गत गद्य में प्रथम विजेता ललित गर्ग और पद्य में डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बने हैं।
यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन व संस्थापक- सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। श्रीमती जैन के अनुसार प्राप्त प्रविष्टियों में से निर्णायक मंडल ने गद्य में श्री गर्ग (दिल्ली) के आलेख
‘यही क्षण व्यक्तिवादी मनोवृत्तियों को बदलने का’ को प्रथम विजेता चयनित किया है, तो ‘आनंद-उल्लास का दूजा नाम ‘वसंत’ हेतु हरिहर सिंह चौहान (मप्र) दूसरे विजेता बने हैं।
प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने बताया कि, उक्त स्पर्धा में पद्य वर्ग में ‘मधुमास मदन’ के लिए डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’, (दिल्ली) ने पहला स्थान प्राप्त किया है, तो द्वितीय स्थान पर दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’ (पश्चिम बंगाल) की रचना
‘स्वागत ऋतुराज बसंत का’ रही। आपके अनुसार ‘माँ सरस्वती आए अगर द्वारे…’ हेतु डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती (छतीसगढ़) को तृतीय स्थान दिया गया है।

श्रीमती जैन ने बताया कि, १ राष्ट्रीय कीर्तिमान और १.५३ करोड़ ५० हजार दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह एवं १० सम्मान प्राप्त इस मंच की संयोजक प्रो. डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ (महाराष्ट्र) व विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल (छग) ने विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।