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उर से करो भक्ति

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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अभिनंदन
पधारो माता रानी
करूँ वंदन।

हे शैलपुत्री
अँधियार मिटे यूँ
ज्यों दुर्तगति।

ब्रह्मचारिणी
करती माँ भला
तपश्चारिणी।

हे चंद्रघण्टा
सेवा का देती फल
बजाएं घंटा।

माँ कूष्माण्डा
उर से करो भक्ति
हरेगी पीड़ा।

स्कन्दमाता
धन-धान्य भरना
गहरा नाता।

हे कात्यायनी
हरती हर पाप
फलदायिनी।

ये कालरात्रि
सिंह पर सवार
भक्त है यात्री।

हे महागौरी
कृपाकारिणी मैया
हे शक्तिकारी।

ये सिद्धिदात्री
माँ दुर्गा के नौ रुप
करें आरती।

प्रिय है लाल
हर रूप सुंदर
दुष्टों की काल।

त्रिशूल धारी
रिद्धि-सिद्धी दायिनी
कल्याणकारी॥