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‘एक राष्ट्र-एक नाम ‘भारत’ हेतु हस्ताक्षर अभियान

मुम्बई (महाराष्ट्र)। ‘भारत’ हमारे राष्ट्र का प्राचीन नाम है। ब्रिटिश उपनिवेशवाद के अवशेष इंडिया नाम को त्याग देना चाहिए तथा सरकारी संस्थाओं को भारत नाम का उपयोग करना चाहिए। इसी कड़ी में २१ फरवरी से ‘एक राष्ट्र-एक नाम ‘भारत’ हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ से हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की जाएगी।
‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ (मुम्बई) के निदेशक डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’ ने बताया, कि अभियान को पूरे भारत में २०० से अधिक स्थानों पर प्रमुख व्यक्तियों से हस्ताक्षर एकत्र करके शुरू किया जाएगा। यह यज्ञ २१ मार्च तक देशभर में आयोजित किया जाएगा। इसके तहत छात्रों, शिक्षकों, वकीलों, जन प्रतिनिधियों और अन्य प्रमुख हस्तियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
आपके अनुसार इस मांग को उठाते हुए १० लाख हस्ताक्षरों के साथ एक याचिका राष्ट्रपति को सौंपी जाएगी। इस प्रकार का निर्णय प्रयागराज महाकुंभ मेले के अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, जनता की आवाज फाउंडेशन तथा वैश्विक हिंदी सम्मेलन के संयुक्त तत्वावधान में ‘एक राष्ट्र, एक नाम:भारत’ विषय पर आयोजित ज्ञान महाकुंभ में लिया गया था।(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुम्बई)