सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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कठिन डगर है धूप-छाँव है
हँसकर सब करना स्वीकार,
चलते रहना नाम ज़िंदगी
हरदम रहना तुम तैयार।
गिरकर सदा सम्हलता है जो
उसे सफलता का अधिकार,
गिरती चींटी चलती रहती
हार नहीं करती स्वीकार।
जीवन का उद्देश्य खोजना
करना नित उसका विस्तार,
टेढ़ी-मेढ़ी राह प्रगति की
करते रहना सदा सुधार।
मोहित करता सदा सुहाना,
रंग-रंगीला यह संसार।
लगन और संकल्प साथ ले,
करना तुम सपने साकार॥