सीमा जैन ‘निसर्ग’
खड़गपुर (प.बंगाल)
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पहलगाम हमला…
अश्रुओं को सह सको तो,
हाल-ए-जख्म समझ लेना
ग़म से दिल अब फटा जा रहा,
अग्निपरीक्षा मत लेना
जल्लाद नहीं, इंसान हैं हम,
कायर न समझ लेना।
दिल में दर्द की आँच जले तो,
सत्य नहीं झुठला देना
यही सत्य और एक ही सत्य है,
सर्प को दूध नहीं देना
बाँह वस्त्र की आज ही काटो,
आस्तीन में पलने मत देना।
स्वर्ग नहीं, वहाँ नरक बसा है,
ये सच्चाई समझ लेना
तोड़ सको सारी हेकड़ी,
कश्मीर पर्यटन मत करना।
बहिष्कार वहाँ की एक दवा है,
उनकी औकात दिखा देना॥