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क्या जरूरत ?

बबीता प्रजापति ‘वाणी’
झाँसी (उत्तरप्रदेश)
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हिन्दी की बिन्दी….

क्या जरूरत आन पड़ी
‘हिंदी दिवस’ मनाने की,
माता को भी भूलता है कोई
क्या जरूरत याद दिलाने की।

बोल में हिंदी, चाल में हिंदी
हिंदी में ही स्नेह जताते हैं,
दैनिक नित्यकर्म भी
भला कोई बिसराते हैं।

रुदन हिंदी क्रन्दन हिंदी
हिंदी में ही प्रसन्नता जताते हैं,
हम शुद्ध हिंदीभाषी
हिंदी में प्रेम जताते हैं।

क्यों अपनाए संस्कार पराए,
जब विदेशी भी हिंदी हो जाए।
गर्व करो हम हिंदीभाषी,
शर्म करो ना…हम हिंदीभाषी॥

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