कुल पृष्ठ दर्शन : 208

‘चिंगारियों का दौर है हर सू धुआं उठे’

सम्मान समारोह…

ग़ाज़ियाबाद(उप्र)।

कीर्ति शेष महाकवि डॉ. कुंअर बेचैन की पुण्य स्मृति तथा श्रीमती शकुंतला शर्मा एवं रविदत्त शर्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि स्वरूप विशिष्ट सम्मान समारोह और विशेष काव्य संध्या का आयोजन अखिल भारतीय अनुबन्ध फाउंडेशन (मुम्बई) द्वारा ४ जून शनिवार को किया गया। ‘चिंगारियों का दौर है हर सू धुआं उठे, अच्छा है इक निगाह तू अपने मकान पे रख’ जैसी बेहतरीन रचनाओं से इसमें देश के कोने-कोने से आए लब्धप्रतिष्ठित कवियों, गीतकारों और ग़ज़लकारों ने खचाखच भरे सभागार में उपस्थित श्रोताओं को वाह-वाह करने पर विवश कर दिया।
यह आयोजन शाम को श्रंखला ओपन थिएटर (पटेल नगर)में भव्य साहित्यिक वातावरण में किया गया, जिसका शुभारंभ सुश्री नूतन अग्रवाल के सहज और प्रभावी मंच संचालन में माँ सरस्वती को माल्यार्पण और डॉ. बेचैन की सुपुत्री एवं कवयित्री सुश्री वंदना कुॅंअर रायज़ादा की सरस्वती वंदना से हुआ। इसके पश्चात फाउंडेशन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद कुमार कुश ‘तनहा’ ने संस्था का संकल्प पत्र रखा और किए गए साहित्यिक कार्यों का उल्लेख किया। श्री कुश ने डॉ. बेचैन से जुड़ी कुछ व्यक्तिगत घटनाओं को साझा करके वातावरण को भावुक कर दिया।
पहले सत्र में साहित्य की सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों को फाउंडेशन द्वारा ‘डॉ. कुॅंअर बेचैन साहित्य रत्न’ एवं ‘डॉ. कुॅंअर बेचैन साहित्य विभूषण सम्मान’ से सम्मानित किया गया। श्री कुश के हाथों साहित्य के क्षेत्र में बहुत सम्मानित डॉ. रमा सिंह (ग़ाज़ियाबाद) और डॉ. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी (दिल्ली) को डॉ. कुॅंअर बेचैन साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। ऐसे ही पत्रकारिता में श्रेष्ठ योगदान के लिए राज कौशिक और आशुतोष अग्निहोत्री (ग़ाज़ियाबाद) को अलंकृत किया गया। इसी कड़ी में साहित्य के क्षेत्र में अलग पहचान बनाने वाले ६ सुप्रसिद्ध साहित्यकारों डॉ. ममता किरण, डॉ. तारा गुप्ता, अशोक अंजुम, डॉ. चेतन आनंद, मनोज कुमार मनोज व डॉ. कविता किरण को डॉ. कुंअर बेचैन ‘साहित्य‌ विभूषण सम्मान’ दिया गया। फाउंडेशन ने उभरते हुए १९ साहित्यकारों को भी अनुबन्ध साहित्य‌ भूषण-साहित्य गौरव सम्मान से अलंकृत किया।
श्री कुश ने सहयोगी संस्था अखिल भारतीय साहित्य परिषद (ग़ाज़ियाबाद) के अध्यक्ष बी. एल. बत्रा को शॉल, पुष्पमाला और स्मृति चिन्ह भेंट करके विशेष सम्मान से अलंकृत किया।
दूसरे सत्र में विशेष काव्य संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. वाजपेई, डॉ. किरण जी, सुश्री भारती शर्मा, सुश्री निधि भार्गव ‘मानवी’, राहुल सिंह, डॉ. श्वेता त्यागी, डॉ. तूलिका सेठ, श्री कुश और देवेन्द्र देव मिर्ज़ापुरी ने अपनी शानदार रचनाओं से पूरे वातावरण को साहित्य की सुगंध से सराबोर कर दिया। डॉ. चेतन आनंद ने लाजवाब मंच संचालन और रचनाओं से पूरे सत्र को मंत्रमुग्ध कर दिया।
साहित्य परिषद की ओर से डॉ. आनंद और श्री बत्रा द्वारा श्री कुश को सम्मानित किया गया। श्री कुश ने सबके प्रति आभार प्रकट किया।

Leave a Reply