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जन-वन की भागीदारी

डॉ.पूर्णिमा मंडलोई
इंदौर(मध्यप्रदेश)

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पर्यावरण दिवस विशेष…………..
पर्यावरण संरक्षण आज विश्व की सबसे बड़ी और प्रमुख समस्या में से एक है। आज भारत कईं क्षेत्रों में विश्व अग्रणी हो रहा है,परन्तु वनों के आकलन के आधार पर यूएन की सूची में भारत विश्व में आठवें क्रम पर है। मात्र २३ प्रतिशत वन भारत में शेष हैं। हम सभी जानते और समझते हैं कि वन ही है जो हवा, पानी,मृदा और ‘विश्व तपन’ की समस्याओं से हमें बचा सकते हैं। कुछ ही वर्षों में पानी खत्म हो जाएगा,लोग मरने लगेंगे। जिस स्थान पर पानी होगा,लोग उधर ही पलायन करेंगे। हम सब ये भी जानते हैं कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए ही होगा।
अतः आज आवश्यकता है अधिक से अधिक पौधे लगाने की। इसके लिए शासन स्तर पर प्रयास कर पर्यावरण जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं,जिसके अन्तर्गत लाखों पौधे लगाए भी जाते हैं,मगर उनकी देखभाल ठीक से नही हो पाती,जिसके कारण पौधे पनप नहीं पाते। अतः,कुछ बदलाव एवं नए प्रयासों की आवश्यकता है।
मतदान जागरूकता कार्यक्रम में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शामिल किया गया,जबकि जो बच्चे अठारह वर्ष से कम उम्र के थे। उनका इस कार्यक्रम से सीधा संबंध भी नहीं था। शासन से एक पत्र प्राप्त हुआ कि,बच्चे अपने माता-पिता को पत्र लिखेंगे कि वे मतदान करने अवश्य जाएं। शिक्षकों द्वारा बच्चों को समझाया गया,उन्होंने पत्र लिखे,और इसका परिणाम भी सार्थक हुआ। मतदान का प्रतिशत बढ़ा,इसी तरह शासन द्वारा पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने की जरुरत महसूस हो रही है। इसमें सभी बच्चों को छायादार-फलदार पौधे लगाना सुनिश्चित हो । बच्चे घर जा कर माता पिता को इसका महत्व भी बताएं । व्यापक स्तर पर इस कार्यक्रम को चलाया जाए। शासन को चाहिए कि शहरों और ग्रामीण जगहों पर पेड़ लगाने के स्थानों का सर्वे कर पहचान कर लिया जाए,जहां पौधे लगाए जाने है। वो स्थान सभी स्कूल-कॉलेजों को गोद दिया जाए एवं उन स्थानों पर स्कूल -कॉलेज प्रबंधन,प्राचार्य,शिक्षक एवं बच्चों द्वारा पौधारोपण किया जाए। सभी शासकीय एवं अशासकीय संस्थानों में भी इस तरह के अभियान चलाए जाएं। कुछ एजेंसियों को जिम्मेदारी दी जाए जो छात्रों को पौधे एवं बीज उपलब्ध कराएं। शासन द्वारा पूरे वर्ष भर इन स्थानों की सख्त मॉनिटरिंग की जाए। पर्यावरण कानून इस तरह बनाए जाएं,जिसमें जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित हो,तभी समस्या को दूर कर सकेंगे।
अभी तक एक व्यक्ति एक पौधे लगाने की बात हो रही थी, मगर अब एक व्यक्ति को दस पौधे लगाने होंगे,तभी इस समस्या से हम निजात पा सकेंगे। अन्य देशों ने इस ओर कदम बढ़ा दिए हैं। फिलीपींस में सरकार कानून बनाने जा रही है। इस कानून के अनुसार स्कूल से लेकर कॉलेज तक के विद्यार्थियों को डिग्री तभी दी जाएगी,जब वे दस पौधे अनिवार्य रूप से लगाएंगे। यदि इसी तरह का कानून हम भी बनाएं,और पालन करें तो हर साल करोड़ों पौधे लगेंगे,जो पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम होगा।
आओ हम सब प्रति व्यक्ति दस पौधे लगाएं,और समस्या का निराकरण करें,ताकि हम अगली पीढ़ी को समस्या नहीं संरक्षित पर्यावरण उपहार में दें सकें ।

परिचय-डॉ.पूर्णिमा मण्डलोई का जन्म १० जून १९६७ को हुआ है। आपने एम.एस.सी.(प्राणी शास्त्र),एम.ए.(हिन्दी), एम.एड. करने के बाद पी.एच-डी. की उपाधि(शिक्षा) प्राप्त की है। वर्तमान में डॉ.मण्डलोई मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित सुखलिया में निवासरत हैं। आपने १९९२ से शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर लगातार अध्यापन कार्य करते हुए विद्यार्थियों को पाठय सहगामी गतिविधियों में मार्गदर्शन देकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाई है। विज्ञान विषय पर अनेक कार्यशाला-प्रतियोगिताओं में सहभागिता करके पुरस्कार प्राप्त किए हैं। २०१० में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान(जबलपुर) एवं मध्यप्रदेश विज्ञान परिषद(भोपाल) द्वारा विज्ञान नवाचार पुरस्कार एवं २५ हजार की राशि से आपको सम्मानित किया गया हैl वर्तमान में आप जिला शिक्षा केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर सहायक परियोजना समन्वयक के रुप में सेवाएं दे रही हैंl कई वर्ष से लेखन कार्य के चलते विद्यालय सहित अन्य तथा शोध संबधी पत्र-पत्रिकाओं में लेख एवं कविता प्रकाशित हो रहे हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य अपने लेखन कार्य से समाज में जन-जन तक अपनी बात को पहुंचाकर परिवर्तन लाना है।

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