सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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जय भारत माँ पूजित ये नाम,
मैं नत मस्तक करती प्रणाम।
पुरुष पुरातन नवल शिष्ट,
सैनिक शोभित कर्तव्य-निष्ठ
आराधित पूजित श्री ललाम,
मैं नत मस्तक करती प्रणाम…।
हिम-मुकुट सुशोभित तेज़ धार,
गल पहने गंगा-जमुन हार
है यहीं बसा साकेत धाम,
मैं नत मस्तक करती प्रणाम…।
रवि-शशि बरसाते नवल नेह,
पशु-जीवी कृषि-प्रधान गेह
सुने देव आरती सुबह-शाम,
मैं नत मस्तक करती प्रणाम…।
यह शिव सत्यं सुंदरं देश,
मानव संस्कृत पूजित महेश।
मंगलमय होते सकल काम,
मैं नत मस्तक करती प्रणाम…॥