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जागो यशोदा मैया

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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जागो जागो अब ओ यशोदा मैया,
तेरे घर आ गए हैं श्रीकृष्ण कन्हैया
सिर में शोभता अजब मोर मुकुट,
तेरा पुत्र मुरली भी संग ले लाया है।

देखो नन्द जी के आँगन में आज,
अनगिनत नाचते गाते पाँवरिया
देखो आज गोकुल की सखियाॅ॑,
मन ही मन हो गई है बावरिया।

मैया यशोदा नन्द जी के लाल,
सुन्दर मुखड़ा काले-काले बाल
यशोदा तेरा पुत्र होगा शरारती,
रखना तुम इनको सदा सम्भाल।

छुपाती हैं आँचल में यशोदा मैया,
लगाती काला टीका यशोदा मैया।
सोने की पायल भी पहनाती है,
गौशाला में गौ का दर्शन कराती है॥

परिचय-श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।

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