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जीरा गुणकारी

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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रचना शिल्प:१६/१२…..

आयुर्वेदिक है ये जीरा,
स्वास्थ्य लाभ गुणकारी।
सब्जी में भी है उपयोगी,
समझे दुनिया सारी॥

पाचन शक्ति बढ़ाने वाला,
जल-जीरा उपयोगी।
जो भी औषधि माने खाये,
रोग भगाये रोगी॥
नीबू साथ मिलाकर सेवन,
करते हैं नर-नारी।
आयुर्वेदिक है ये जीरा,…

एंटीआक्सीडेंट बहुत है,
सूजन को कम करता।
माँसपेशियों का रखवाला,
दर्द सभी कुछ हरता॥
बहुत आयरन और फाइबर,
मैगनीज भी भारी।
आयुर्वेदिक है ये जीरा,…

जिंक, कैल्शियम, कॉपर मिनरल,
स्रोत खजानों वाला।
कई विटामिन ई, ए, सी, बी,
है उपयोग मसाला॥
मुँह से बदबू दूर करे ये,
दूर करे बीमारी।
आयुर्वेदिक है ये जीरा…॥

परिचय- बोधन राम निषादराज की जन्म तारीख १५ फरवरी १९७३ और स्थान खम्हरिया (जिला-बेमेतरा) है। एम.कॉम. तक शिक्षित होकर सम्प्रति से शास. उ.मा.वि. (सिंघनगढ़, छग) में व्याख्याता हैं। आपको स्व.फणीश्वर नाथ रेणू सम्मान (२०१८), सिमगा द्वारा सम्मान पत्र (२०१८), साहित्य तुलसी सम्मान (२०१८), कृति सारस्वत सम्मान (२०१८), हिंदीभाषा डॉट कॉम (म.प्र.) एवं राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (२०१९) सहित कई सम्मान मिल चुके हैं।
प्रकाशित पुस्तकों के रूप में आपके खाते में हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘यार तेरी क़सम’ (२०१९), ‘मोर छत्तीसगढ़ के माटी’ सहित छत्तीसगढ़ी भजन संग्रह ‘भक्ति के मारग’ ,छत्तीसगढ़ी छंद संग्रह ‘अमृतध्वनि’ (२०२१) एवं छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल संग्रह ‘मया के फूल’ आदि है। वर्तमान में श्री निषादराज का बसेरा जिला-कबीरधाम के सहसपुर लोहारा में है।

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