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निबंध में प्रांजल भाषा का बड़ा महत्व-डॉ. शर्मा

इंदौर (मप्र)।

निबंध में विचारों की क्रमबद्धता एवं प्रांजल भाषा का बड़ा महत्व है। ललित निबंध के लिए भाव को विचार की द्रोणी में डालकर मिलाएंगे, तब भाषा चिन्हित होगी ।
माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित रचनात्मक लेखन कार्यशाला के तीसरे दिन प्रसिद्ध साहित्यकार एवं वीणा के संपादक डॉ.राकेश शर्मा ने ‘निबंध एवं संपादकीय’ विषय पर यह विचार व्यक्त किए। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.अजय सोडानी ने यात्रा वृतांत विषय पर कहा कि पर्यटन चारों ओर देखें, काल त्रिआयामी है। यात्रा वृतांत में अतीत, वर्तमान और भविष्य को गढ़ना होता है। डॉ.वंदना अग्निहोत्री ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों का परिचय डॉ.शर्मिला चौहान ने दिया। स्वागत डॉ. गिरीश महावर ने किया। संचालन डॉ.शबनम खान ने किया। आभार डॉ.जयश्री भटनागर ने माना।

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