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जो हार मान ले, वह मनुष्य नहीं

प्रो. लक्ष्मी यादव
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)…

यदि जीवन है तो, संघर्ष भी है। कहते हैं कि, जो मनुष्य जीवन में संघर्षों का सामना न करे, जीवन से हार मान ले, कुछ भी न करे, वह मनुष्य मृतक के समान होता है। संघर्ष केवल मनुष्य जीवन ही नहीं करता। तालाब में तैरती एक छोटी-सी मछली भी अपना जीवन व्यतीत करती है, तो उसे भी हर रोज़ नयी-नयी चुनौतियों को स्वीकार कर संघर्ष करना पड़ता है। पशु-पक्षी, छोटा-बड़ा, राजा-रंक, नेता, बूढ़े-बच्चे सभी के जीवन में संघर्ष है। जन्म से मृत्यु तक संघर्ष से अपना नाता है, जिस दिन यह नाता टूट गया, समझो आप जीवित होकर भी नहीं के समान हो। एक नन्हीं-सी चिड़िया दिनभर परिश्रम कर अपने बच्चे को दाना चुगाती है, वर्षा ऋतु आने के पहले अपने घोंसले को मज़बूत बनाती है। नन्हीं -सी चींटी कितनी बार ऊपर चढ़ती है, गिरती है, लेकिन हार नहीं मानती। संघर्ष करके अपनी मंज़िल को हासिल करती है। यही तो जीवन में संघर्ष है। बचपन से विद्यालय में बताया जाता था, “जीवन एक संघर्ष है।” आज तकनीकी युग में संघर्ष की परिभाषा ही बदल गई है । कोई भी मेहनत, संघर्ष नहीं करना चाहता, बस सब सरल-छोटा मार्ग चुनते हैं। सभी काम आसानी से हो जाते हैं, घंटे का काम मिनट में हो जाता है। सब-कुछ आसानी से मिल जाता है। आज-कल के विद्यार्थियों को कोई भी प्रोजेक्ट बनाने के लिए दिया जाता है, तो तुरंत तकनीकी माध्यम (गूगल) से जो उनका विषय होता है, उसकी सब जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। ये सभी क्रिया- कलाप आज युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर बनाते हैं। माना कि, ‘स्मार्ट वर्क’ का जमाना है लेकिन इसमें ये भूल रहे हैं कि, केवल स्मार्ट फ़ोन का उपयोग करने से हम स्मार्ट नहीं बनेंगे। हमें इसके साथ कठिन परिश्रम करने और जीवन के संघर्षों का सामना करने के लिए भी तैयार रहना होगा।

आजकल की युवा पीढ़ी परिश्रम करने वाले मज़दूर हो, या कोई छोटा-मोटा काम करने वाले कर्मचारी हों, इन सबको हीन भावना से देखती है। एक मज़दूर जो दिनभर संघर्ष करता है, अपने मालिक की जली-कटी बातों को सुनता है, अपने परिवार का पालन पोषण करता है, क्या हम उनकी मेहनत को आदर और सम्मान की भावना से नहीं देख सकते ? हमें युवा पीढ़ी को परिश्रम और संघर्ष से अवगत कराना बहुत ही आवश्यक है। ‘मज़दूर दिवस’ पर युवाओं को उनके होने का महत्व बताना बहुत ही ज़रूरी है। यह भी समझना-समझाना होगा कि, कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, सभी का अपने-अपने जीवन में एक अलग ही स्थान और महत्व है।