विजय कुमार
मणिकपुर(बिहार)
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तकदीर बदलने वाले तस्वीर बदल दी,
लोकतंत्र की शक्ति ने हिंदुस्तान बदल दी।
संविधान नहीं बदला,अनुच्छेद बदल गया,
बड़े-बड़े व्यापारियों को,खजाना मिल गया।
इतिहास पढ़ने वाले,अब हास्य बन गया,
जहाँ से चल कर आया,वही हिंदुस्तान बन गया।
कुछ बिका कुछ बाकी है,ये कहानी भी पुरानी है,
झेलने की आदत हो गई,यही तो गुलामी है॥
परिचय–विजय कुमार का बसेरा बिहार के ग्राम-मणिकपुर जिला-दरभंगा में है।जन्म तारीख २ फरवरी १९८९ एवं जन्म स्थान- मणिकपुर है। स्नातकोत्तर (इतिहास)तक शिक्षित हैं। इनका कार्यक्षेत्र अध्यापन (शिक्षक)है। सामाजिक गतिविधि में समाजसेवा से जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता एवं कहानी है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा जानने वाले विजय कुमार की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समस्याओं को उजागर करना एवं जागरूकता लाना है। इनके पसंदीदा लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ हैं। प्रेरणा पुंज-खुद की मजबूरी है। रूचि-पठन एवं पाठन में है।